आधुनिक इलाज में आँखों के नंबर को ठीक करने के लिए चश्मा, कॉन्टैक्ट लेंस या सर्जरी का सहारा लिया जाता है, लेकिन आयुर्वेद मानता है कि सही खानपान, दिनचर्या, आयुर्वेदिक औषधियाँ और योगासन से आँखों की रोशनी स्वाभाविक रूप से बढ़ाई जा सकती है। "आँखों की रोशनी बनाए रखने के लिए पर्याप्त पानी पीना बहुत ज़रूरी है। डिहाइड्रेशन से शरीर ही नहीं, आंखें भी कमजोर पड़ सकती हैं।" गर्मियों में डिहाइड्रेशन से बचाव
इस आर्टिकल में हम विस्तार से जानेंगे –
- आँखों की रोशनी कम होने के कारण
- आयुर्वेद का दृष्टिकोण
- घरेलू और आयुर्वेदिक नुस्खे
- जड़ी-बूटियों और औषधियों के फायदे
- योग और प्राणायाम
- संतुलित आहार और दिनचर्या
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आँखों की रोशनी बढ़ाने के आयुर्वेदिक उपाय |
🔎 आँखों की रोशनी कम होने के मुख्य कारण
आयुर्वेद के अनुसार शरीर में पित्त दोष और आँखों की कमजोरी का गहरा संबंध है। जब पित्त बढ़ता है तो आँखों पर असर पड़ता है और रोशनी धीरे-धीरे कमजोर हो जाती है। आधुनिक जीवनशैली में इसके कई कारण हैं – "कुछ योगासन और प्राणायाम न सिर्फ इम्यूनिटी बढ़ाते हैं बल्कि आंखों की रोशनी को भी तेज़ करने में मदद करते हैं।" योग से इम्यूनिटी कैसे बढ़ाएँ?
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अत्यधिक मोबाइल और लैपटॉप का इस्तेमाल
- स्क्रीन से निकलने वाली ब्लू लाइट आँखों की मांसपेशियों को कमजोर करती है।
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गलत खानपान और पोषण की कमी
- विटामिन A, C, E और ओमेगा-3 फैटी एसिड की कमी से दृष्टि प्रभावित होती है।
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नींद की कमी
- कम सोने से आँखों को आराम नहीं मिल पाता और धीरे-धीरे थकान बढ़ती है।
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लंबे समय तक टीवी या किताबें नजदीक से पढ़ना
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धूम्रपान और शराब का सेवन
- यह रक्त संचार और पोषण पर असर डालकर आँखों को कमजोर करते हैं।
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अनुवांशिक कारण (Genetic)
- कई बार चश्मे की समस्या परिवार से विरासत में मिलती है।
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तनाव और मानसिक दबाव
- दिमागी तनाव सीधा आँखों की नसों पर असर डालता है।
🌿 आयुर्वेद का दृष्टिकोण
आयुर्वेद में आँखों की समस्या को नेत्ररोग की श्रेणी में रखा गया है। आयुर्वेद मानता है कि – "डायबिटीज के मरीजों को अक्सर आंखों की रोशनी कमजोर होने की समस्या रहती है। आयुर्वेदिक उपाय यहां भी सहायक हो सकते हैं।" डायबिटीज के लिए आयुर्वेदिक उपाय
- आँखें पित्त दोष से जुड़ी होती हैं।
- असंतुलित जीवनशैली और आहार से पित्त बढ़ने पर आँखों की रोशनी प्रभावित होती है।
- त्रिफला, आंवला, गिलोय, शतावरी, यष्टिमधु जैसी जड़ी-बूटियाँ आँखों के लिए अमृत मानी जाती हैं।
- नेत्र संजीवनी, नेत्र तर्पण, नेत्र धारा जैसी आयुर्वेदिक प्रक्रियाएँ आँखों को पोषण देती हैं।
🏡 घरेलू और आयुर्वेदिक नुस्खे (Home Remedies for Eyesight)
1. त्रिफला का प्रयोग
- त्रिफला (हरड़, बहेड़ा और आंवला) आँखों की रोशनी बढ़ाने में सबसे कारगर माना गया है।
- रात को 1 चम्मच त्रिफला पाउडर गुनगुने पानी के साथ लें।
- त्रिफला का पानी बनाकर उससे आँखें धोने पर भी लाभ होता है।
2. आंवला (Indian Gooseberry)
- आंवला विटामिन C का सबसे अच्छा स्रोत है।
- नियमित आंवला जूस पीने से आँखों की रोशनी तेज होती है।
- आंवला और शहद का मिश्रण भी फायदेमंद है।
3. गिलोय (Tinospora Cordifolia)
- गिलोय का रस पीने से आँखों की नसें मजबूत होती हैं।
- यह रक्त शुद्ध करता है और पित्त को संतुलित करता है।
4. शहद और काली मिर्च
- सुबह खाली पेट 1 चम्मच शहद और 2 दाने काली मिर्च लेना आँखों के लिए उत्तम है।
5. बादाम और मिश्री
- रात को 5-7 बादाम भिगोकर सुबह मिश्री और दूध के साथ खाने से आँखों की रोशनी बढ़ती है।
6. गाजर और चुकंदर का सेवन
- गाजर में बीटा-कैरोटीन और चुकंदर में आयरन व फोलिक एसिड होता है।
- दोनों का जूस मिलाकर रोज पीने से आँखें मजबूत होती हैं।
7. कच्चा दूध और गुलाबजल
- कच्चे दूध में रुई भिगोकर आँखों पर रखने से थकान और जलन कम होती है।
- गुलाबजल की 2-3 बूँदें आँखों में डालने से ठंडक मिलती है।
- "PCOD जैसी बीमारियाँ हार्मोनल असंतुलन पैदा करती हैं, जो आंखों की थकान और दृष्टि पर भी असर डाल सकती हैं।" PCOD क्या है?
🌱 आँखों के लिए प्रमुख आयुर्वेदिक औषधियाँ और जड़ी-बूटियाँ
- यष्टिमधु (Mulethi) – आँखों की सूजन और कमजोरी दूर करती है।
- शतावरी – आँखों को ठंडक देती है और दृष्टि मजबूत करती है।
- हरिद्रा (हल्दी) – आँखों की एलर्जी और इंफेक्शन से बचाती है।
- पिप्पली – आँखों की नसों को सक्रिय करती है।
- गोघृत (गाय का घी) – आँखों को पोषण देने के लिए श्रेष्ठ।
- "लगातार तनाव से आंखों में जलन, सिरदर्द और धुंधली दृष्टि जैसी समस्याएँ हो सकती हैं। तनाव कम करना आंखों के लिए फायदेमंद है।" तनाव को कैसे कम करें
🧘 आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए योग और प्राणायाम
1. त्राटक ध्यान
- एक बिंदु या दीपक की लौ पर बिना पलक झपकाए देखना।
- इससे आँखों की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं।
2. पाल्मिंग (Palming)
- हथेलियों को रगड़कर गर्म करना और बंद आँखों पर रखना।
- इससे आँखों को आराम और ऊर्जा मिलती है।
3. नेत्र व्यायाम
- आँखों को ऊपर-नीचे, दाएँ-बाएँ और गोल-गोल घुमाना।
- इससे दृष्टि सुधारने में मदद मिलती है।
4. प्राणायाम
- अनुलोम-विलोम, भस्त्रिका और कपालभाति से आँखों की नसों में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ती है।
5. सूर्य नमस्कार
- यह सम्पूर्ण शरीर के साथ आँखों को भी मजबूती देता है।
- "बरसात में होने वाले इंफेक्शन और वायरल बीमारियाँ अक्सर आंखों को भी प्रभावित करती हैं। इससे बचाव जरूरी है।" मानसून में होने वाली बीमारियाँ और इलाज
🍎 आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए आहार
- हरी पत्तेदार सब्जियाँ (पालक, मेथी, सरसों)
- गाजर, टमाटर, चुकंदर
- दूध, दही और घी
- बादाम, अखरोट और अलसी के बीज
- पपीता, आम, संतरा और आंवला
- हल्दी और अदरक
- ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर फूड (फ्लैक्स सीड, मछली, सोयाबीन)
- "दैनिक जीवन में छोटे-छोटे आयुर्वेदिक उपाय अपनाने से न सिर्फ आंखें, बल्कि पूरा शरीर स्वस्थ रह सकता है।" आयुर्वेदिक स्वास्थ्य टिप्स
🕰️ आँखों की सुरक्षा के लिए दिनचर्या
- रोज सुबह सूर्योदय के समय सूर्य नमस्कार और नेत्र व्यायाम करें।
- दिन में 10-15 मिनट धूप में खड़े होकर सूर्य trataka (आँखें बंद करके धूप लेना) करें।
- हर 30-40 मिनट मोबाइल/लैपटॉप इस्तेमाल करने के बाद 2 मिनट आँखें बंद करके आराम दें।
- रात को देर तक जागने से बचें और 7-8 घंटे की नींद लें।
- आँखों पर बार-बार ठंडे पानी के छींटे मारें।
- "वायरल फीवर से बचाव जरूरी है क्योंकि संक्रमण से आंखें भी प्रभावित हो सकती हैं और रोशनी पर असर पड़ता है।" बरसात में वायरल फीवर से बचाव
🔮 आयुर्वेद में आँखों का महत्व
आयुर्वेद में आँखों को “अलोचन इन्द्रिय” कहा गया है। यह पंचज्ञानेंद्रिय (आँख, कान, नाक, जीभ, त्वचा) में सबसे महत्वपूर्ण है।
- सूर्य और अग्नि का सीधा संबंध आँखों से माना गया है।
- “चरक संहिता” और “सुश्रुत संहिता” में आँखों के लिए कई औषधियाँ और उपचार बताए गए हैं।
- आयुर्वेद कहता है कि आँखें स्वस्थ तभी रह सकती हैं जब शरीर के त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) संतुलन में हों।
- "आंखों की रोशनी बढ़ाने और सुरक्षित इलाज के लिए आयुर्वेद और एलोपैथी दोनों के फायदे-नुकसान जानना जरूरी है।" आयुर्वेद बनाम एलोपैथी कौन बेहतर है
⚠️ आँखों की रोशनी कमजोर होने के लक्षण
- धुंधला दिखना
- पास या दूर की वस्तुएँ स्पष्ट न दिखना
- किताब या मोबाइल पढ़ते समय सिरदर्द
- आँखों में जलन, सूखापन और लालपन
- बार-बार पलक झपकाना
- रात में चीजें साफ न दिखना (Night Blindness)
- आँखों के आसपास काले घेरे
🏺 आयुर्वेदिक प्रक्रियाएँ (Panchakarma for Eyes)
आयुर्वेद में सिर्फ घरेलू नुस्खे ही नहीं, बल्कि विशेष पंचकर्म उपचार भी बताए गए हैं –
1. नेत्र तर्पण (Netra Tarpana)
- इसमें विशेष औषधीय घी को आँखों के चारों ओर आटे की पट्टी बनाकर आँखों में रखा जाता है।
- यह आँखों की नसों और मांसपेशियों को पोषण देता है।
- कंप्यूटर पर ज्यादा काम करने वालों के लिए लाभकारी।
2. अंजन (Collyrium)
- आयुर्वेदिक अंजन (सुरमा/औषधीय कोलिरियम) आँखों की सफाई और दृष्टि सुधार में मदद करता है।
3. अक्षि प्रक्षालन (Eye Wash)
- त्रिफला क्वाथ या गुलाबजल से आँखें धोना।
- इससे आँखों की थकान और जलन दूर होती है।
4. नस्य कर्म
- नाक में औषधीय घी या तेल की बूँदें डालना।
- इससे सिर, मस्तिष्क और आँखों तक पोषण पहुँचता है।
5. शिरोधारा
- सिर पर औषधीय तेल की धारा बहाना।
- यह तनाव और सिरदर्द को दूर करता है, जिससे आँखों की कमजोरी कम होती है।
🌟 बच्चों की आँखों की रोशनी के लिए आयुर्वेदिक उपाय
आजकल छोटे बच्चों को भी चश्मा लग रहा है। इसके लिए –
- बच्चों को रोज सुबह बादाम, मिश्री और दूध दें।
- खेलकूद और आउटडोर एक्टिविटी बढ़ाएँ।
- टीवी और मोबाइल की स्क्रीन टाइम पर नियंत्रण रखें।
- आंवला, गाजर और हरी सब्जियाँ आहार में शामिल करें।
- बच्चों से रोजाना आँखों के व्यायाम कराएँ।
🧑💻 आधुनिक जीवनशैली और आँखों की देखभाल
- 20-20-20 नियम अपनाएँ → हर 20 मिनट बाद 20 फीट दूर 20 सेकंड तक देखें।
- स्क्रीन पर ब्लू लाइट फिल्टर का इस्तेमाल करें।
- रात को सोने से पहले मोबाइल न देखें।
- नियमित नेत्र जांच (Eye Check-up) कराते रहें।
- यदि नंबर तेजी से बढ़ रहा है तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।
🌿 कुछ खास आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे विस्तार से
🥛 1. गाय का घी
- रोज रात को 1 चम्मच गर्म दूध में घी डालकर पिएँ।
- इससे आँखों की रोशनी और मस्तिष्क दोनों को लाभ होता है।
🥗 2. गाजर का जूस
- बीटा-कैरोटीन रेटिना को मजबूत करता है।
- दिन में 1 गिलास गाजर का जूस आदर्श है।
🍯 3. शहद और आँवला
- आँवला चूर्ण में शहद मिलाकर लेने से नेत्र रोग दूर होते हैं।
🌱 4. एलोवेरा जूस
- शरीर से विषैले तत्व निकालकर आँखों की सेहत सुधारता है।
🌾 5. अलसी के बीज
- ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर, आँखों की नमी बनाए रखते हैं।
🧘 विस्तृत नेत्र योग (Yoga for Eyes)
नेत्र व्यायाम सेट
- ऊपर-नीचे देखना (10 बार)
- दाएँ-बाएँ देखना (10 बार)
- गोल घुमाना (घड़ी की दिशा और विपरीत, 10 बार)
- दूर और पास की वस्तु पर ध्यान केंद्रित करना
- हथेली से आँखें ढकना (Palming)
👉 इन अभ्यासों को सुबह-सुबह करने से आँखों की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं।
📖 धार्मिक और पारंपरिक मान्यताएँ
- आयुर्वेद में सूर्य नमस्कार और सूर्य trataka को आँखों के लिए श्रेष्ठ माना गया है।
- सुबह की ताजी ओस (Dew Drops) से आँखें धोने की परंपरा भी कई जगह है।
- तुलसी का पौधा घर में लगाने से वातावरण शुद्ध होता है और आँखों को लाभ होता है।
❓ FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1. क्या आयुर्वेद से चश्मा पूरी तरह हट सकता है?
👉 हाँ, शुरुआती अवस्था में नियमित आयुर्वेदिक उपाय, योग और खानपान सुधारने से नंबर कम हो सकता है। लेकिन लंबे समय से चश्मा लगाने वालों को भी काफी फायदा होता है।
Q2. क्या गुलाबजल रोजाना आँखों में डाल सकते हैं?
👉 हाँ, लेकिन शुद्ध और बिना केमिकल वाला गुलाबजल ही इस्तेमाल करें।
Q3. क्या बच्चों के लिए त्रिफला सुरक्षित है?
👉 हाँ, लेकिन बच्चों को बहुत कम मात्रा में और विशेषज्ञ की सलाह से दें।
Q4. मोबाइल इस्तेमाल करने वाले लोग कौन सा उपाय करें?
👉 20-20-20 नियम, नेत्र व्यायाम और त्रिफला पानी से आँख धोना सबसे अच्छा है।
Q5. क्या गाय का घी आँखों में डाला जा सकता है?
👉 हाँ, लेकिन सिर्फ डॉक्टर या आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से। घर पर बिना जानकारी के प्रयोग न करें।
📌 निष्कर्ष
आँखों की रोशनी बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक उपाय, जड़ी-बूटियाँ, संतुलित आहार और योग बेहद प्रभावी हैं। यदि इन्हें नियमित दिनचर्या में शामिल किया जाए तो आँखों की कमजोरी को दूर करके दृष्टि को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
👉 याद रखें – आयुर्वेद में इलाज धीरे-धीरे असर करता है, लेकिन इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। सही खानपान, जीवनशैली और आयुर्वेदिक उपाय मिलकर आपकी आँखों की रोशनी को प्राकृतिक रूप से मजबूत बना सकते हैं।
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