शिक्षक दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? | इतिहास, महत्व और पूरी जानकारी 2026

शिक्षा मनुष्य के जीवन की सबसे बड़ी पूँजी है और शिक्षक उस पूँजी के निर्माता होते हैं। भारत में प्राचीन काल से ही गुरु को सर्वोच्च स्थान दिया गया है। गुरु-शिष्य परंपरा ने भारतीय संस्कृति को मजबूती दी है। शिक्षक केवल किताबों का ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि जीवन जीने की कला, नैतिक मूल्य और आदर्श भी सिखाते हैं। 

इसी योगदान के सम्मान के लिए हर साल 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस (Teacher’s Day) मनाया जाता है। "जिस तरह महिला दिवस समाज में महिलाओं के योगदान को याद दिलाता है, उसी तरह विश्व हिंदी दिवस हमें मातृभाषा और सांस्कृतिक पहचान के महत्व का संदेश देता है।"

शिक्षक दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? | इतिहास, महत्व और पूरी जानकारी 2026
शिक्षक दिवस कब और क्यों मनाया जाता है? 

शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?

भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह तारीख भारत के दूसरे राष्ट्रपति और महान शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को समर्पित है।

  • जन्म: 5 सितंबर 1888
  • पद: भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति
  • योगदान: भारतीय दर्शन को विश्व स्तर पर पहचान दिलाना, शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य
  • सम्मान: 1954 में भारत रत्न

👉 इसलिए भारत सरकार ने उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। "महिला स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष को समझने के लिए हमें भारत की आज़ादी की गाथा जाननी होगी। अधिक जानकारी के लिए पढ़ें स्वतंत्रता दिवस का इतिहास।"

शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?

  1. शिक्षकों के योगदान का सम्मान करने के लिए
    शिक्षक समाज के भविष्य निर्माता होते हैं। उनका सम्मान पूरे देश का सम्मान है।

  2. गुरु-शिष्य परंपरा को जीवित रखने के लिए
    भारत की संस्कृति में गुरु को माता-पिता से भी ऊँचा स्थान मिला है।

  3. शिक्षा के महत्व को याद दिलाने के लिए
    शिक्षा सिर्फ डिग्री नहीं बल्कि जीवन को बेहतर बनाने का साधन है।

  4. छात्रों में प्रेरणा जगाने के लिए
    शिक्षक विद्यार्थियों को कठिनाइयों से जूझने और लक्ष्य हासिल करने की प्रेरणा देते हैं।

  5. डॉ. राधाकृष्णन की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए
    उन्होंने कहा था:

    “यदि आप मेरा जन्मदिन मनाना चाहते हैं, तो इसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाइए।”

शिक्षक दिवस का इतिहास

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जीवन परिचय

  • जन्म: 5 सितंबर 1888, तमिलनाडु
  • शिक्षा: दर्शनशास्त्र में स्नातक व स्नातकोत्तर
  • करियर: ऑक्सफोर्ड, मैसूर और कलकत्ता विश्वविद्यालयों में दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर
  • उपराष्ट्रपति: 1952–1962
  • राष्ट्रपति: 1962–1967
  • सम्मान: भारत रत्न (1954)

उन्होंने शिक्षा को राष्ट्र निर्माण का आधार माना। उनका विश्वास था कि “सही शिक्षा ही सही नागरिक और मजबूत राष्ट्र बनाती है।” "महिलाओं की प्रगति में शिक्षा और भाषा का अहम योगदान है। इसी से जुड़ा है हिंदी दिवस 2025 जो हमें मातृभाषा हिंदी के महत्व की याद दिलाता है।"

भारत में शिक्षक दिवस की शुरुआत

1962 में जब वे राष्ट्रपति बने, उनके छात्रों और मित्रों ने उनका जन्मदिन मनाना चाहा। उन्होंने कहा:

“मेरे जन्मदिन को अलग से मनाने के बजाय, इसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाइए। यह मेरे लिए सबसे बड़ा सम्मान होगा।”
तब से हर साल 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस का महत्व

1. शिक्षा की शक्ति का स्मरण

शिक्षा मनुष्य को ज्ञानवान, जागरूक और आत्मनिर्भर बनाती है।

2. शिक्षक का योगदान

  • बच्चों का भविष्य गढ़ना
  • नैतिक मूल्यों की शिक्षा देना
  • समाज को दिशा देना

3. राष्ट्रीय एकता का संदेश

शिक्षक बिना जाति, धर्म और वर्ग के भेदभाव के सबको शिक्षा देते हैं।

4. प्रेरणा का स्रोत

डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, सावित्रीबाई फुले, स्वामी विवेकानंद जैसे महान व्यक्तित्व शिक्षक और शिक्षा के प्रतीक हैं। जानिए इससे जुड़े कार्यक्रम और योजनाएँ विश्व युवा कौशल दिवस 2026 आर्टिकल में।"

शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है?

  • स्कूल और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम, भाषण और निबंध प्रतियोगिता होती है।
  • विद्यार्थी अपने शिक्षकों को कार्ड, उपहार और फूल देते हैं।
  • रोल रिवर्सल कार्यक्रम आयोजित होता है जहाँ विद्यार्थी शिक्षक बनते हैं।
  • सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार दिए जाते हैं।
  • सोशल मीडिया और अखबारों में शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है।

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (National Awards to Teachers)

  • शुरुआत: 1958 से
  • प्रदानकर्ता: भारत के राष्ट्रपति
  • उद्देश्य: शिक्षा क्षेत्र में नवाचार और योगदान देने वाले श्रेष्ठ शिक्षकों को सम्मानित करना
  • हर साल 5 सितंबर को यह पुरस्कार दिए जाते हैं।

प्राचीन भारत में गुरु-शिष्य परंपरा

  1. गुरुकुल प्रणाली – विद्यार्थी गुरु के आश्रम में रहकर शिक्षा प्राप्त करते थे।
  2. महाभारत और रामायण के गुरु – द्रोणाचार्य, संदीपनि, विश्वामित्र जैसे महान शिक्षक।
  3. गुरु का सर्वोच्च स्थान

    गुरु ब्रह्मा गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वरः ।
    गुरु साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः ॥

विश्व में शिक्षक दिवस

  • यूनेस्को (UNESCO) – 5 अक्टूबर को World Teacher’s Day
  • चीन – 10 सितंबर
  • अमेरिका – मई का पहला मंगलवार
  • तुर्की – 24 नवंबर
  • थाईलैंड – 16 जनवरी

आधुनिक समाज में शिक्षक की भूमिका

  • ज्ञान का संवाहक – शिक्षा और तकनीक दोनों का संगम।
  • चरित्र निर्माणकर्ता – नैतिकता और अनुशासन की शिक्षा।
  • करियर गाइड – विद्यार्थियों को सही मार्गदर्शन देना।
  • समाज सुधारक – शिक्षा के माध्यम से अंधविश्वास और भेदभाव को खत्म करना।

छात्रों और शिक्षकों की जिम्मेदारियाँ

छात्र की जिम्मेदारी

  • शिक्षक का सम्मान करना
  • पढ़ाई में रुचि लेना
  • अनुशासन का पालन करना

शिक्षक की जिम्मेदारी

  • शिक्षा को रोचक और उपयोगी बनाना
  • बच्चों के चरित्र और व्यक्तित्व का विकास करना
  • समाज और राष्ट्र निर्माण में योगदान देना

शिक्षक दिवस पर प्रेरणादायक विचार

  • “शिक्षक दीपक की तरह है, जो खुद जलकर दूसरों को रोशनी देता है।”
  • “गुरु के बिना ज्ञान अधूरा है, और ज्ञान के बिना जीवन अधूरा।”
  • “विद्यार्थी राष्ट्र का भविष्य हैं और शिक्षक उस भविष्य के निर्माता।”

शिक्षक दिवस और गुरु-शिष्य परंपरा का संबंध

भारत की गुरु-शिष्य परंपरा हजारों वर्षों से शिक्षा और संस्कृति का आधार रही है। प्राचीन काल में गुरु आश्रमों में शिक्षा देते थे और शिष्य उनके साथ रहकर जीवन के सभी पहलू सीखते थे।

  • गुरुकुल प्रणाली – इसमें शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं थी, बल्कि जीवन जीने का तरीका, अनुशासन, संस्कार और नैतिक मूल्यों की शिक्षा दी जाती थी।
  • गुरु का स्थान – भारतीय संस्कृति में गुरु को माता-पिता से भी ऊँचा दर्जा दिया गया है। कहा गया है:
    “गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।”
  • शिक्षक दिवस इस परंपरा को आधुनिक संदर्भ में याद करने और उसे आगे बढ़ाने का अवसर है। इसे पढ़े अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2026

शिक्षक दिवस और समाज में शिक्षा का महत्व

शिक्षा केवल नौकरी या डिग्री पाने का माध्यम नहीं है, बल्कि यह इंसान को सोचने, समझने और समाज में सही योगदान देने की शक्ति देती है।

  • सामाजिक विकास – अच्छे शिक्षक समाज में जागरूक नागरिक तैयार करते हैं।
  • आर्थिक प्रगति – शिक्षा और कुशलता ही किसी देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाती है।
  • नैतिक मूल्यों का विकास – शिक्षक बच्चों के मन में ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और सत्य जैसे गुण पैदा करते हैं।

शिक्षक दिवस हमें याद दिलाता है कि अगर शिक्षक नहीं होंगे तो समाज और देश का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा।

शिक्षक दिवस पर छात्रों की भूमिका

शिक्षक दिवस केवल शिक्षकों के सम्मान का दिन ही नहीं है, बल्कि छात्रों के लिए भी एक अवसर है कि वे अपने शिक्षकों का आभार प्रकट करें।

छात्र शिक्षक दिवस पर –

  • सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
  • अपने शिक्षकों को धन्यवाद पत्र, कविता या भाषण सुनाते हैं।
  • कुछ स्कूलों में छात्र स्वयं शिक्षक बनकर कक्षा संभालते हैं ताकि शिक्षकों का महत्व समझ सकें।
  • सोशल मीडिया पर भी #TeachersDay के जरिए शिक्षक सम्मान की लहर देखी जाती है।

शिक्षक दिवस और डिजिटल युग

आज के समय में शिक्षा का स्वरूप बहुत बदल चुका है। ऑनलाइन क्लास, स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने पढ़ाई को आसान बना दिया है।

  • अब शिक्षक केवल किताबों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि मेंटॉर, गाइड और कोच बन गए हैं।
  • डिजिटल शिक्षा में भी शिक्षक की भूमिका अहम है, क्योंकि केवल टेक्नोलॉजी से शिक्षा पूरी नहीं हो सकती।
  • शिक्षक ही बच्चों को सही दिशा में टेक्नोलॉजी का उपयोग करना सिखाते हैं।

शिक्षक दिवस पर हमें यह स्वीकार करना होगा कि चाहे तकनीक कितनी भी आगे बढ़ जाए, एक अच्छे शिक्षक का महत्व कभी कम नहीं हो सकता।

शिक्षक दिवस और भारतीय मूल्य

भारत की संस्कृति हमेशा से "आचार्य देवो भव" की रही है। आज भी कई भारतीय परिवारों में शिक्षक को भगवान के समान मानकर आदर दिया जाता है।

शिक्षक दिवस इस परंपरा को जीवित रखता है और यह संदेश देता है कि –

  • शिक्षा केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं है।
  • जीवन में सफलता पाने के लिए शिक्षक का मार्गदर्शन जरूरी है।
  • समाज के हर व्यक्ति का दायित्व है कि वह अपने शिक्षक का सम्मान करे।

शिक्षक दिवस और अंतरराष्ट्रीय महत्व

5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है, लेकिन 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस (World Teachers’ Day) भी मनाया जाता है।

  • इसे UNESCO ने 1994 से शुरू किया।
  • इसका उद्देश्य दुनिया भर में शिक्षकों की समस्याओं, अधिकारों और योगदान को मान्यता देना है।
  • भारत का शिक्षक दिवस और विश्व शिक्षक दिवस, दोनों मिलकर हमें शिक्षा और शिक्षकों की वैश्विक महत्ता का एहसास कराते हैं।

शिक्षक दिवस का संदेश

शिक्षक दिवस हमें यह सिखाता है कि –

  • शिक्षा ही असली पूँजी है।
  • शिक्षक समाज की नींव हैं।
  • हर छात्र को अपने शिक्षक का आदर करना चाहिए।
  • राष्ट्र की प्रगति केवल तब संभव है जब हम अपने शिक्षकों का सम्मान करें और शिक्षा को सर्वोच्च स्थान दें।

FQA (Frequently Asked Questions)

Q1. शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?
👉 शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को भारत में मनाया जाता है।

Q2. शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?
👉 यह दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में शिक्षकों के योगदान को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है।

Q3. विश्व शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?
👉 विश्व शिक्षक दिवस हर साल 5 अक्टूबर को UNESCO के तत्वावधान में मनाया जाता है।

Q4. शिक्षक दिवस पर क्या गतिविधियाँ होती हैं?
👉 इस दिन स्कूल-कॉलेजों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, भाषण, निबंध प्रतियोगिता और शिक्षकों का सम्मान समारोह आयोजित किए जाते हैं।

Q5. शिक्षक दिवस का महत्व क्या है?
👉 यह दिन हमें याद दिलाता है कि शिक्षक समाज और राष्ट्र निर्माण की सबसे मजबूत नींव हैं।

निष्कर्ष

शिक्षक दिवस हमें यह याद दिलाता है कि शिक्षा केवल ज्ञान का साधन नहीं, बल्कि जीवन को सार्थक बनाने का मार्ग है। शिक्षक अपने विद्यार्थियों के जीवन में वही स्थान रखते हैं जो सूर्य पृथ्वी को रोशनी देने के लिए रखता है।

5 सितंबर का दिन केवल एक उत्सव नहीं बल्कि एक अवसर है – अपने शिक्षकों को धन्यवाद कहने और उनके योगदान को याद करने का।

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