रक्षाबंधन भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित होता है। यह त्योहार न केवल रक्षासूत्र बांधने की परंपरा निभाता है, बल्कि सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। हर साल सावन पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला रक्षाबंधन प्रेम, समर्पण और विश्वास का प्रतीक है।
इस लेख में हम जानेंगे रक्षाबंधन का इतिहास, इसका धार्मिक महत्व, पौराणिक कथाएं, सामाजिक प्रभाव, आधुनिक युग में इसका रूप, और भारत में इसकी विविधता।
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रक्षाबंधन 2025: इतिहास, महत्व, तिथि, निबंध |
📅 रक्षाबंधन कब है 2025
रक्षाबंधन 2025 में 12 अगस्त, मंगलवार को मनाया जाएगा।
🕘 शुभ मुहूर्त:
- रक्षा बंधन पूजा मुहूर्त: प्रातः 10:25 बजे से शाम 07:20 बजे तक
- राखी बांधने का श्रेष्ठ समय: दोपहर से सूर्यास्त से पहले तक
- भद्रा काल: सुबह 06:32 बजे से 10:25 बजे तक
🔸 भद्रा काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए, इसे अशुभ माना जाता है।
🧵 रक्षाबंधन क्या है?
रक्षाबंधन का अर्थ है – "रक्षा का बंधन"। यह त्योहार भाई-बहन के प्रेम, विश्वास और सुरक्षा के संकल्प का प्रतीक होता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधकर उनसे जीवनभर रक्षा का वचन लेती हैं।
📖 रक्षाबंधन 2025 का महत्व
- यह दिन भाई-बहन के अनमोल रिश्ते का उत्सव है।
- बहनें भाइयों के लिए प्रार्थना करती हैं और मिठाई खिलाती हैं।
- भाई बहनों को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा का वचन निभाते हैं।
- यह त्योहार न केवल धार्मिक, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।
🕉️ रक्षाबंधन 2025 से जुड़ी कुछ खास बातें
- 2025 में रक्षाबंधन मंगलवार को है, जो मंगलकारी और शुभ दिन माना जाता है।
- इस दिन राखी बांधने के बाद हनुमान जी की पूजा भी लाभकारी मानी जाती है।
- इस वर्ष राखी बांधने के लिए लगभग 9 घंटे का शुभ समय मिलेगा।
🙏 धार्मिक मान्यता
- वेदों और पुराणों में रक्षा-सूत्र का उल्लेख मिलता है।
- महाभारत में द्रौपदी द्वारा कृष्ण को राखी बांधने की कथा प्रसिद्ध है।
- राजपूताना इतिहास में रानी कर्णावती द्वारा हुमायूं को राखी भेजना प्रसिद्ध उदाहरण है।
🎁 रक्षाबंधन पर क्या उपहार दें?
भाई अपनी बहनों को नीचे दिए गए तोहफों में से कुछ दे सकते हैं:
- गहने या कपड़े
- किताबें या स्टेशनरी (छोटी बहनों के लिए)
- स्किनकेयर या ब्यूटी प्रोडक्ट्स
- ऑनलाइन गिफ्ट कार्ड
- पर्सनलाइज्ड फोटो फ्रेम या मेमोरी बुक
रक्षाबंधन का शाब्दिक अर्थ
‘रक्षाबंधन’ दो शब्दों से मिलकर बना है – रक्षा और बंधन।
- रक्षा का अर्थ होता है सुरक्षा।
- बंधन का अर्थ होता है बंधन या संबंध।
अर्थात् रक्षाबंधन एक ऐसा पवित्र बंधन है, जिसमें बहन अपने भाई की लंबी उम्र और सुरक्षा की कामना करते हुए राखी बांधती है, और भाई जीवन भर उसकी रक्षा करने का वचन देता है।
रक्षाबंधन का ऐतिहासिक इतिहास
1. रानी कर्णावती और हुमायूं की कथा
16वीं शताब्दी में चित्तौड़ की रानी कर्णावती ने जब बहादुर शाह से युद्ध की चुनौती महसूस की, तो उन्होंने मुगल सम्राट हुमायूं को राखी भेजी। हुमायूं ने इसे स्वीकार करते हुए चित्तौड़ की रक्षा के लिए सेना भेजी। यह कथा बताती है कि रक्षाबंधन केवल रक्त संबंधी भाई-बहन के लिए ही नहीं, बल्कि सामाजिक एवं सांस्कृतिक विश्वास पर भी आधारित हो सकता है।
2. सिकंदर और पुरु (पोरस)
कहा जाता है कि सिकंदर की पत्नी रोशने ने राजा पोरस को राखी भेजी थी और युद्ध के दौरान उससे सिकंदर को न मारने का वचन लिया। पोरस ने इस वचन का पालन किया। इससे यह स्पष्ट होता है कि रक्षाबंधन शांति और भाईचारे का प्रतीक भी रहा है।
3. यम और यमुनाजी की कथा
पौराणिक मान्यता है कि यमराज ने यमुनाजी से बहुत समय तक मिलने नहीं गए थे। जब वे गए, तो यमुनाजी ने उन्हें राखी बांधी और यमराज ने वचन दिया कि जो भी इस दिन बहन को राखी बांधने का संकल्प लेगा, उसकी उम्र लंबी होगी।
पौराणिक कथाएं
1. भगवान कृष्ण और द्रौपदी
महाभारत में एक कथा प्रसिद्ध है कि एक बार श्रीकृष्ण की उंगली कट गई। द्रौपदी ने अपनी साड़ी का टुकड़ा फाड़कर उनकी उंगली पर बांध दिया। श्रीकृष्ण ने इसे रक्षासूत्र माना और कहा – "मैं इस ऋण को अवश्य चुकाऊंगा।" उन्होंने चीरहरण के समय द्रौपदी की लाज बचाकर इस वचन को निभाया।
2. इंद्र और इन्द्राणी की कथा
पद्मपुराण में वर्णन है कि इन्द्राणी (इंद्र की पत्नी) ने देवासुर संग्राम के दौरान अपने पति की सुरक्षा के लिए उन्हें एक रक्षासूत्र बांधा था। उसी दिन को रक्षा पर्व के रूप में मनाने की परंपरा शुरू हुई।
रक्षाबंधन का धार्मिक महत्व
- हिंदू धर्म में यह पर्व रक्षा और श्रद्धा का प्रतीक है।
- जैन धर्म में, भिक्षु अपने गुरु को राखी बांधते हैं।
- सिख धर्म में, यह ‘राखी बंदन’ के नाम से मनाया जाता है, विशेष रूप से निहंग सिखों में।
विभिन्न क्षेत्रों में रक्षाबंधन
1. उत्तर भारत में
यह त्योहार बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। बहनें अपने भाइयों के घर जाती हैं, उन्हें तिलक कर राखी बांधती हैं और मिठाई खिलाती हैं। भाई उपहार देकर उसकी रक्षा का वचन देते हैं।
2. पश्चिम भारत में (महाराष्ट्र)
यहाँ यह त्योहार नारियल पूर्णिमा के रूप में भी मनाया जाता है। कोली समुदाय के लोग समुद्र देवता की पूजा करते हैं और नारियल चढ़ाते हैं।
3. दक्षिण भारत में
यहाँ इसे ‘श्रावण पूर्णिमा’ के रूप में मनाया जाता है और इस दिन ऋषियों की पूजा होती है। इसे 'ऋषि तर्पण' भी कहते हैं।
4. पूर्वोत्तर और बंगाल में
रक्षाबंधन को भाई-बहन के साथ-साथ मानवता और सामाजिक भाईचारे के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। कई सामाजिक संगठन इस दिन अजनबियों को भी राखी बांधते हैं।
समाज में रक्षाबंधन की भूमिका
1. नारी सम्मान का प्रतीक
रक्षाबंधन केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि महिलाओं के सम्मान और सुरक्षा की सांकेतिक अभिव्यक्ति भी है। भाई अपने जीवन में बहन की रक्षा का वचन लेते हैं।
2. सांस्कृतिक एकता का परिचायक
यह पर्व विभिन्न धर्मों, जातियों और समुदायों के बीच प्रेम और सहयोग का संदेश देता है। आज कई सामाजिक संस्थाएं इस त्योहार को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मनाते हैं।
3. पर्यावरण रक्षा के प्रतीक
आज के समय में कई स्कूलों और संस्थानों में पेड़ों को राखी बांधकर पर्यावरण की रक्षा का संदेश दिया जाता है। यह संदेश देता है कि सिर्फ इंसान ही नहीं, प्रकृति भी हमारी रक्षा के योग्य है।
आधुनिक युग में रक्षाबंधन
1. डिजिटल राखी और गिफ्टिंग ट्रेंड
आज की दुनिया में बहनें भाइयों को ई-राखी, वीडियो कॉल, ऑनलाइन गिफ्ट्स और डिजिटल संदेशों से भी रक्षाबंधन मना रही हैं।
2. बहनों का आत्मनिर्भर होना
आज की बहनें केवल भाइयों की रक्षा पर निर्भर नहीं हैं। वे खुद आत्मनिर्भर बन रही हैं, लेकिन राखी का पवित्र रिश्ता आज भी उतना ही मजबूत है।
3. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाने वाला पर्व
अब यह त्योहार सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है। अमेरिका, कनाडा, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में बसे भारतीय भी इसे हर्षोल्लास से मनाते हैं।
रक्षाबंधन से जुड़ी रोचक बातें
- भारत सरकार डाक विभाग के माध्यम से हर साल विशेष राखी कवर और स्पीड पोस्ट सेवा उपलब्ध कराती है।
- रक्षाबंधन पर शेयर मार्केट और बैंक छुट्टी रहती है।
- रक्षा मंत्रालय ने एक बार सैनिकों के लिए 'रक्षा राखी अभियान' चलाया था।
- कई NGOs इस दिन अनाथ बच्चों और वृद्धों के साथ रक्षाबंधन मना कर उन्हें अपनापन देते हैं।
रक्षाबंधन कैसे मनाएं – परंपरागत विधि
सामग्री:
- राखी
- चावल और रोली
- दीपक
- मिठाई
- (यदि संभव हो)
विधि:
- बहन पहले भाई की आरती करती है।
- तिलक लगाकर राखी बांधती है।
- भाई मिठाई खाता है और उपहार देता है।
- वचन देता है कि वह उसकी जीवन भर रक्षा करेगा।
रक्षाबंधन 2025 में कब है?
रक्षाबंधन 2025 में [12 अगस्त, मंगलवार] को मनाया जाएगा। इस दिन श्रावण पूर्णिमा रहेगी और राखी बांधने का शुभ मुहूर्त सुबह से लेकर शाम तक रहेगा।
रक्षाबंधन का संदेश
रक्षाबंधन एक ऐसा पर्व है, जो हमें यह याद दिलाता है कि रिश्ते केवल खून से नहीं, भावनाओं से भी बनते हैं। यह पर्व हमें सिखाता है:
- सम्मान देना
- रक्षा करना
- प्रेम और एकता को बनाए रखना
- सभी के प्रति सहयोगी बनना
🌸 रक्षाबंधन पर निबंध 500 शब्दों में
भूमिका:
रक्षाबंधन का अर्थ:
इतिहास और पौराणिक कथाएँ:
रक्षाबंधन का महत्व:
- यह पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम को दर्शाता है।
- धार्मिक दृष्टिकोण से यह शुभ माना जाता है और दीर्घायु की कामना की जाती है।
- यह पर्व सामाजिक सद्भाव, एकता, और नारी सम्मान का प्रतीक है।
- आज के समय में यह पर्व पर्यावरण संरक्षण और सैनिकों को सम्मान देने के रूप में भी मनाया जाने लगा है।
आज का रक्षाबंधन:
निष्कर्ष:
🎉 रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है? (Raksha Bandhan Kaise Manaya Jata Hai)
रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र रिश्ते को सम्मान देने वाला त्योहार है। यह श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन पूरे भारत में बड़े उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। आइए जानते हैं रक्षाबंधन कैसे मनाया जाता है:
🪔 1. तैयारी पहले से शुरू होती है
- बहनें राखी खरीदती हैं या खुद सुंदर राखियां बनाती हैं।
- मिठाइयाँ, नए कपड़े, और भाई के लिए उपहार खरीदे जाते हैं।
- घर की सफाई और सजावट की जाती है।
- भाई-बहन दोनों त्योहार के दिन अच्छे कपड़े पहनते हैं।
🏠 2. पूजन की थाली सजाई जाती है
बहनें एक पूजा की थाली तैयार करती हैं जिसमें होता है:
- राखी
- चावल (अक्षत)
- रोली या कुमकुम
- दीपक (दीया)
- मिठाई
- कुछ लोग नारियल और फूल भी रखते हैं।
🙏 3. पूजा और राखी बांधने की विधि
- बहन पहले भाई को तिलक लगाती है।
- फिर दाहिने हाथ की कलाई पर राखी बांधती है।
- भाई की आरती उतारती है और मिठाई खिलाती है।
- भाई बहन को उपहार देता है और उसकी रक्षा का वचन देता है।
👉 यह प्रक्रिया प्रेम, श्रद्धा और समर्पण से भरी होती है।
🎁 4. उपहार और आशीर्वाद का आदान-प्रदान
- भाई बहन को कपड़े, पैसे, गहने या अन्य उपहार देता है।
- बहन भाई की लंबी उम्र और सफलता की दुआ करती है।
- परिवार के अन्य सदस्य भी इस शुभ अवसर पर मिठाइयाँ बाँटते हैं और मिलकर भोजन करते हैं।
🌍 5. दूर रहने वालों के लिए डिजिटल राखी
- जो बहनें भाई से दूर होती हैं वे डाक से राखी भेजती हैं या ऑनलाइन गिफ्ट्स और ई-राखी भेजती हैं।
- वीडियो कॉल पर राखी बांधने की रस्म निभाई जाती है।
🪖 6. समाज में रक्षाबंधन
- कुछ लोग सैनिकों को राखी भेजते हैं।
- बच्चे पेड़ों को राखी बांधकर पर्यावरण सुरक्षा का संदेश देते हैं।
- स्कूलों और सामाजिक संस्थाओं में भी रक्षाबंधन समारोह आयोजित होते हैं।
🎀 राखी का त्योहार कब से मनाया जाता है?
राखी, जिसे हम रक्षाबंधन के नाम से जानते हैं, एक अत्यंत प्राचीन भारतीय पर्व है, जिसकी शुरुआत हजारों वर्ष पहले हुई थी। इसके प्रारंभ का कोई एक निश्चित वर्ष नहीं कहा जा सकता, लेकिन इसके उल्लेख वेदों, पुराणों, और महाभारत जैसे ग्रंथों में मिलते हैं। आइए जानते हैं राखी कब से मनाई जाती है:
📜 1. वेदकाल से रक्षासूत्र का उल्लेख
- ऋग्वेद में रक्षासूत्र का वर्णन मिलता है, जो युद्ध में जाते समय रक्षा के लिए बांधा जाता था।
- यह परंपरा ऋषियों और ब्राह्मणों द्वारा अपने यजमानों को रक्षा के लिए सूत्र बांधने के रूप में शुरू हुई थी।
👉 इससे स्पष्ट होता है कि रक्षाबंधन की परंपरा वेदकाल (लगभग 3000–4000 वर्ष पूर्व) से चली आ रही है।
📖 2. पौराणिक काल में रक्षाबंधन
✅ महाभारत की कथा (5000 वर्ष पुरानी):
जब श्रीकृष्ण की उंगली कट गई थी, तो द्रौपदी ने अपनी साड़ी फाड़कर उनकी उंगली पर बांधा था। कृष्ण ने इसे रक्षासूत्र माना और चीरहरण के समय द्रौपदी की रक्षा की।
✅ यम-यमुनाजी कथा:
यमराज ने यमुनाजी से रक्षा सूत्र बंधवाया था और वचन दिया था कि जो यह बांधेगा, उसकी आयु बढ़ेगी।
🏰 3. ऐतिहासिक युग में रक्षाबंधन
🔸 रानी कर्णावती और हुमायूं (16वीं शताब्दी):
चित्तौड़ की रानी कर्णावती ने मुगल सम्राट हुमायूं को राखी भेजी थी। हुमायूं ने इसे स्वीकार कर उनकी रक्षा की।
👉 इससे राखी का त्योहार न केवल धार्मिक, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण बन गया।
📅 रक्षाबंधन हर वर्ष कब मनाया जाता है?
राखी का त्योहार हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। यह दिन हिंदू पंचांग के अनुसार तय होता है और जुलाई या अगस्त में आता है।
रक्षाबंधन कब से और क्यों मनाया जाता है?
इसका उत्तर ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से समझना ज़रूरी है।
🕉️ रक्षाबंधन कब से मनाया जाता है?
रक्षाबंधन की परंपरा वेदकाल से चली आ रही है। इसके प्रमाण हमें पद्मपुराण, भविष्यपुराण, और महाभारत जैसे ग्रंथों में मिलते हैं। यह पर्व हजारों वर्षों से मनाया जा रहा है।
- ऋग्वेद में भी रक्षासूत्र का उल्लेख मिलता है।
- पौराणिक काल में जब देव-दानवों के बीच युद्ध होता था, तब देवताओं को रक्षासूत्र बांधकर उनकी विजय की कामना की जाती थी।
- महाभारत काल में कृष्ण और द्रौपदी की कहानी इस पर्व को दर्शाती है।
इससे स्पष्ट होता है कि रक्षाबंधन कोई आधुनिक परंपरा नहीं, बल्कि भारत की प्राचीन संस्कृति का हिस्सा है।
🪢 क्यों मनाया जाता है?
🔹 1. भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक
बहन अपने भाई को राखी बांधकर उसकी लंबी उम्र, सुख-शांति और सुरक्षा की कामना करती है। भाई बहन की रक्षा का वचन देता है।
🔹 2. रक्षा के संकल्प का दिन
यह त्योहार ‘रक्षा’ यानी सुरक्षा के संकल्प का प्रतीक है। राखी केवल धागा नहीं, बल्कि एक वचन है – जीवनभर रक्षा का।
🔹 3. सामाजिक एकता और भाईचारे का प्रतीक
राखी केवल खून के रिश्तों तक सीमित नहीं है – यह सामाजिक, मानवीय और भावनात्मक संबंधों को भी मजबूती देती है।
🔹 4. पौराणिक विश्वासों का पालन
धार्मिक दृष्टि से रक्षाबंधन को पवित्र माना जाता है – जैसे द्रौपदी ने कृष्ण को राखी बांधी, या यमराज को यमुनाजी द्वारा राखी बांधने की कथा।
📜 संक्षेप में उत्तर:
रक्षाबंधन का त्योहार वेदकाल से मनाया जा रहा है और इसका उद्देश्य भाई-बहन के प्रेम, सुरक्षा, और सांस्कृतिक एकता को दर्शाना है। यह पर्व हमें रिश्तों की अहमियत, वचनबद्धता, और आपसी विश्वास का संदेश देता है।
✳️ रक्षाबंधन का महत्व (Importance of Raksha Bandhan in Hindi)
रक्षाबंधन केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि प्रेम, विश्वास और सुरक्षा का पवित्र प्रतीक है। इसका महत्व धार्मिक, सामाजिक, पारिवारिक और सांस्कृतिक हर दृष्टिकोण से बहुत गहरा है।
🔰 1. भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक
रक्षाबंधन भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास को दर्शाता है।
- बहन अपने भाई की लंबी उम्र और खुशहाली की प्रार्थना करती है।
- भाई जीवन भर उसकी रक्षा करने का वचन देता है।
👉 यह रिश्ता निस्वार्थ प्रेम, त्याग और संपर्क का प्रतीक बन जाता है।
🕉️ 2. धार्मिक और पौराणिक महत्व
रक्षाबंधन कई पौराणिक घटनाओं से जुड़ा है:
- कृष्ण और द्रौपदी की कथा: जब द्रौपदी ने कृष्ण की उंगली से खून बहते देखा, तो अपनी साड़ी फाड़कर पट्टी बांधी।
- यम और यमुनाजी की कथा: यमराज ने वचन दिया कि जो बहन भाई को राखी बांधेगी, उसका भाई दीर्घायु होगा।
👉 ये कथाएं दर्शाती हैं कि रक्षाबंधन केवल भौतिक सुरक्षा नहीं, बल्कि आध्यात्मिक रक्षा का भी प्रतीक है।
🫂 3. सामाजिक महत्व
राखी केवल भाई-बहन के रिश्ते तक सीमित नहीं रहती।
- कई स्थानों पर महिलाएं सैनिकों, पेड़ों, या नेताओं को भी राखी बांधती हैं।
- यह त्योहार सामाजिक एकता, भाईचारा और विश्वास को बढ़ाता है।
👉 आज के समय में कई NGO, स्कूल, और सामाजिक संगठन इसे सार्वभौमिक भाईचारे के रूप में मनाते हैं।
🌱 4. पर्यावरणीय महत्व (नया दृष्टिकोण)
- बच्चे और युवा पेड़ों को राखी बांधकर पर्यावरण सुरक्षा का संकल्प लेते हैं।
- यह परंपरा दर्शाती है कि हमारी रक्षा सिर्फ इंसानों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि प्रकृति की भी होनी चाहिए।
🌍 5. सांस्कृतिक महत्व
भारत के विभिन्न हिस्सों में रक्षाबंधन विभिन्न रूपों में मनाया जाता है:
- उत्तर भारत में: पारंपरिक राखी उत्सव
- महाराष्ट्र में: नारियल पूर्णिमा
- दक्षिण भारत में: श्रावणी या ऋषि पूजन
- पूर्वोत्तर में: सामाजिक सद्भावना के रूप में
👉 इससे यह त्योहार संस्कृति की विविधता में एकता को दर्शाता है।
💫 6. आत्मबल और संकल्प का प्रतीक
राखी केवल सुरक्षा की मांग नहीं है, यह एक संकल्प है —
- बहन का आशीर्वाद
- भाई का दृढ़ वचन
- दोनों के बीच भावनात्मक सुरक्षा
यह बंधन बाहरी सुरक्षा से बढ़कर आत्मिक जुड़ाव को दर्शाता है।
✅ FAQs – रक्षाबंधन से जुड़े सामान्य प्रश्न
Q1. रक्षाबंधन कब मनाया जाता है?
उत्तर: श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को।
Q2. रक्षाबंधन का मूल उद्देश्य क्या है?
उत्तर: भाई-बहन के प्रेम और रक्षा के संकल्प को मनाना।
Q3. क्या राखी केवल भाई को ही बांधी जाती है?
उत्तर: नहीं, आजकल बहनें बहनों को, पेड़ों को, सैनिकों को भी राखी बांधती हैं।
Q4. रक्षाबंधन को कौन से धर्मों में मनाया जाता है?
उत्तर: मुख्यतः हिंदू धर्म में, परंतु जैन, सिख और अन्य समुदायों में भी मनाया जाता है।
Q5. रक्षाबंधन 2025 में किस दिन है?
उत्तर: मंगलवार, 12 अगस्त 2025
Q6. रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त क्या है 2025 में?
उत्तर: सुबह 10:25 बजे से शाम 7:20 बजे तक
Q7. क्या भद्रा काल में राखी बांध सकते हैं?
उत्तर: नहीं, भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ माना जाता है।
Q8. क्या रक्षाबंधन केवल हिंदू धर्म में मनाया जाता है?
उत्तर: मुख्य रूप से यह हिंदू पर्व है, लेकिन भारत में कई धर्मों के लोग इसे भाई-बहन के प्रेम के रूप में मनाते हैं।
निष्कर्ष
रक्षाबंधन केवल राखी बांधने का त्योहार नहीं है, बल्कि यह हमारी भारतीय संस्कृति की आत्मा है। यह पर्व भाई-बहन के प्रेम की डोर को और मजबूत बनाता है। समय चाहे बदल जाए, तकनीक आधुनिक हो जाए, लेकिन रक्षाबंधन की आत्मा और भावना आज भी उतनी ही पवित्र और अमूल्य है।
इस रक्षाबंधन पर हमें न केवल अपने भाई-बहनों की, बल्कि समाज, पर्यावरण और मानवीय मूल्यों की भी रक्षा का संकल्प लेना चाहिए।
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